कल्पना चावला का जीवन परिचय: Kalpana Chawla Biography In Hindi

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कल्पना चावला का जीवन परिचय: आज भी कल्पना चावला का नाम लेते ही हर भारतीय के मन में सम्मान की भावना निर्मित होती है. 1997 में यह नाम सभी के बीच मशहूर हुआ, क्योंकि वह भारतीय मूल की पहली ऐसी महिला अंतरिक्ष यात्री थी जिन्होंने लाखों भारतीयों के अंतरिक्ष मे जाने के सपने को साकार किया था और तबसे यह नाम हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बन गया है.

कल्पना के लिए यह सपना आसान नहीं था, लेकिन कड़ी मेहनत और इच्छा शक्ति के बल पर उन्होंने यह सपना साकार किया. कल्पना ने नासा में दी गई हर ज़िम्मेदारी को पूरी तरह से निभाया.

दूसरी बार कल्पना ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी, पर इस बार उनका दुर्भाग्य था कि पृथ्वी पर लौटते समय कोलंबिया नामक अंतरिक्ष यान (Space Shuttle Columbia) में विस्फोट हो गया और इस दुर्घटना में कल्पना चावला और उनके अन्य साथियों की जान चली गई.

इस दुःख को न केवल भारतीयों ने ही बल्कि पूरी दुनिया ने भी अनुभव किया. लेकिन आज भी कल्पना चावला का नाम सम्मान का प्रतीक है.

कल्पना चावला का जीवन परिचय (Kalpana Chawla Biography In Hindi)

आज इस लेख में हम कल्पना चावला का जीवन परिचय जानेंगे. हम उनके जन्म (Kalpana Chawla Born), एक छात्र के रूप में जीवन, परिवार (Kalpana Chawla Family), शिक्षा (Kalpana Chawla Education), अंतरिक्ष मिशन और उनकी अपघातिक मृत्यु (Kalpana Chawla Death) की समीक्षा करने जा रहे हैं. तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें ताकि आपको कल्पना चावला की पूरी कहानी (Kalpana Chawla Story) के बारे मे अच्छेसे ज्ञान प्राप्त हो.

कल्पना चावला का जन्म और उनका परिवार (Kalpana Chawla Family And Her Birth)

Kalpana Chawla Family

कल्पना का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा राज्य के करनाल जिले में चावला परिवार में हुआ था. कल्पना के पिता बनारसी लाल चावला और माता संज्योति चावला इनकी कल्पना सबसे छोटी बेटी थी.

कल्पना चावला को दो बहनें और एक भाई है. एक बहन का नाम दीपा है और दूसरी बहन का नाम सुनीता है, और भाई का नाम संजय है.

बचपन में कल्पना को उनके माता-पिता प्यार से ‘मोंटू’ कहकर बुलाते थे. अमेरिका में पढ़ाई के दौरान कल्पना की शादी जीन-पियरे हैरिसन (Jean-Pierre Harrison) से हुई, जो पेशे से फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे.

कल्पना चावला की शिक्षा (Kalpana Chawla Education)

कल्पना चावला ने अपनी प्राथमिक शिक्षा करनाल के TAGORE BAAL NIKETAN SR. SEC. SCHOOL से पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया था.

उन्होंने भारत से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी कर आगे की शिक्षा के लिए वह संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंची और अर्लिंगटन में टेक्सास विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमएससी की उपाधि प्राप्त की.

इसके बाद उन्होंने कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

कल्पना चावला का करियर (Kalpana Chawla Career)

Kalpana Chawla Career

1988 में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद, कल्पना ने नासा एम्स रिसर्च सेंटर में पावर-लिफ्ट कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स के क्षेत्र में अपना काम शुरू किया. उन्हें विमान के चारों ओर हवा के प्रवाह पर शोध करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और ये जिम्मेदारी कल्पना ने बखूबी से निभाई.

1993 में, कल्पना चावला को ओवरसेट मेथड्स इंक, लॉस अल्टोस, कैलिफोर्निया में उपाध्यक्ष और अनुसंधान वैज्ञानिक नियुक्त किया गया था. विशेषज्ञ शोधकर्ता जो अंतरिक्ष मे शरीर की हलचल के कारण अनेवाली समस्याओं को दूर करने का काम करते है. इस ग्रुप में कल्पना भी शामिल थी. कल्पना को वायुगतिकीय कार्य करने के लिए एक कुशल तकनीक विकसित करने और उसे उचित तरीके से लागू करने का काम सौंपा गया था.

उन्हें दिसंबर 1994 में नासा में मेधावी रूप से चुना गया था. उनकी परियोजनाएं और शोध कई सारे पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए और उसके बाद, कल्पना का नाम लोगों के बीच प्रसिद्ध होने लगा. लगभग एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा करने और उसकी कार्य रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, उसे ईवीए/रोबोटिक कंप्यूटर शाखा क्रू प्रतिनिधि के पद के लिए मेधावी रूप से चुना गया.

कल्पना चावला की पहली अंतरिक्ष यात्रा (Kalpana Chawla, First Space Mission)

Kalpana Chawla First Space Mission

नवंबर 1997 के महीने में, कल्पना चावला को अंतरिक्ष में उड़ान भरने का पहला सुनहरा अवसर मिला. यह मोका उन्हे उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण मिला था.

19 नवंबर को, एसटीएस-87 कोलंबिया ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी और लगभग 2 सप्ताह की अवधि में पृथ्वी की 252 परिक्रमाएँ कीं.

5 दिसंबर को अंतरिक्ष यान वापस लौट आया. इस प्रयोग से यह जानने का प्रयास किया गया कि आकाश के प्रकाशमय वातावरण और सूर्य के बाहरी वातावरण में विभिन्न मानवीय गतिविधियाँ कैसे होती हैं.

लेकिन कुछ तकनीकी कठिनाइयों के कारण, दो क्रू के सदस्यों को शटल से उपग्रह को पुनः प्राप्त करने के लिए स्पेसवॉक करना पड़ा था.

पहले सफल अभियान के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए कल्पना चावला ने कहा था.

जब रात में मैं रोशनी कम करती हूं और आकाशगंगा और तारों को देखती हूं, तो ऐसा लगता है जैसे आप पृथ्वी के किसी विशेष हिस्से से नहीं, बल्कि सौर मंडल के एक हिस्से से हैं.
कल्पना चावला

दूसरी उड़ान: आघात की कहानी (Kalpana Chawla Death)

कल्पना चावल की दूसरी अंतरिक्ष मोहीम 16 जनवरी 2003 से 1 फरवरी 2003 तक 16 दिवसीय थी. कल्पना एसटीएस-107 मिशन की मिशन विशेषज्ञ थीं. लगभग 80 सफल प्रयोगों के बाद अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार था और इस कारण हर कोई खुश था.

अंतरिक्ष यान को कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर उतरना था, लेकिन दुर्भाग्य से लैंडिंग से 16 मिनट पहले अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में नष्ट हो गया.

अधिकारियों के अनुसार, प्रक्षेपण के दौरान फोम का एक छोटा सा टुकड़ा यान के बाएं पंख पर टकराया और इस टकराव के कारण यान के बाएं पंख में एक छोटा सा छेद हो गया था.

जैसे ही मिशन खत्म होकर यान पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने लगता है, तभी उस छोटेसे छेद से हवा लीक होने लगति है, जिसके कारण इन्सुलेशन, जो यान के अंतरिक्ष प्रवेश के दौरान गर्मी से बचाने के लिए यान के ढाल के रूप में काम करता है, वहीं ब्रीफकेस के आकार का इन्सुलेशन का एक टुकड़ा टूट गया.

उसके बाद यान बाहरी गैसों और आग की वजह से असंतुलित होने लगा और देखते ही देखते यान टुकड़ों में भिखर गया.

इसमे रिक हस्बैंड, लॉरेल क्लार्क, इलान रेमन, डेविड ब्राउन, विलियम मैकुलम, माइकल एंडरसन और कल्पना चावला यह सात क्रू मेम्बर्स की इस अपघात मे जान चली गई. 1986 के अंतरिक्ष शटल चैलेंजर दुर्घटना के बाद यह दूसरी ऐसी आपदा थी.

कल्पना चावला: सम्मान और पुरस्कार (Kalpana Chawla Awards And Honours)

कल्पना चावला को मरणोपरांत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर, नासा स्पेस फ्लाइट मेडल और नासा विशिष्ट सेवा मेडल शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त, कर्नाटक सरकार ने युवा महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए कल्पना चावला पुरस्कार की स्थापना की.

यह पुरस्कार कर्नाटक सरकार द्वारा उनके योगदान को सम्मानित करने का एक श्रेष्ठ उदाहरण है. इसके अलावा, भारत सरकार ने उनकी स्मृति में METSAT-1 नामक उपग्रह को भी कल्पना के नाम से लांच किया.

सारांश

आज इस लेख में हमने भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की आंशिक जीवनी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. इस लेख मे हमने उनकी संपूर्ण जीवन यात्रा को संक्षिप्त रूप में उजागर करने का प्रयास किया है.

उनके बचपन, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, नासा में उनके प्रवेश और मिशन के दौरान उनकी उपलब्धियों और आपदाओं के बारे में जाना.

कृपया हमें टिप्पणियों के माध्यम से बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा और यदि आपको इस लेख में कोई त्रुटि मिलती या कोई जानकारी समज नहीं आती है तो आप हमें मेल कर सकते हैं और हम उचित जानकारी के साथ इसे सही करने का प्रयास करेंगे.

FAQ’s

  • कल्पना चावला कौन से देश की थी?

    कल्पना चावला भारतीय मूल की थीं और उनका जन्म हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था.

  • कल्पना चावला की मृत्यु क्यों हुई?

    कल्पना चावला की मृत्यु उनकी दूसरी अंतरिक्ष मिशन के दौरान हुई थी. उनके यात्रा के वापसी के समय, यान के रिएंट्री में टूटी हुई इंसुलेशन के कारण कोलंबिया अंतरिक्ष यान का विस्फोट हो गया, जिससे उन्हें सहित सात अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई.

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Team Hindi Words

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