8 मार्च 2014 को, मलेशियाई एयरलाइंस की उड़ान MH370 ने कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी। विमान में कुल 239 लोग सवार थे।
MH370 ने अपने सामान्य मार्ग पर उड़ान भरी, लेकिन कुछ घंटे बाद विमान रडार से गायब हो गया।
विमान के लापता होने के तुरंत बाद, कई देशों ने मिलकर खोज अभियान शुरू किया। समुद्र के बड़े हिस्सों को छाना गया, लेकिन मुख्य मलबा नहीं मिला।
जुलाई 2015 में, रीयूनियन द्वीप पर विमान के कुछ टुकड़े पाए गए। यह पहला महत्वपूर्ण सुराग था।
विमान की गुमशुदगी के बारे में कई सिद्धांत सामने आए। इनमें तकनीकी खराबी, आतंकवादी हमला, और पायलट की हरकतें शामिल हैं।
पायलट और सह-पायलट की व्यक्तिगत पृष्ठभूमि की गहन जांच की गई। हालांकि, कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला।
अधिकांश खोज हिंद महासागर में की गई, जहां माना जाता है कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ होगा। लेकिन कोई महत्वपूर्ण मलबा नहीं मिला।
MH370 का मुख्य मलबा आज भी नहीं मिला है। यह घटना आज भी एक बड़ा रहस्य बनी हुई है।
हालांकि कई साल बीत चुके हैं, परिजन और खोजकर्ता आज भी इस उम्मीद में हैं कि एक दिन इस रहस्य से पर्दा उठेगा। MH370 की कहानी आज भी लोगों के दिलों और दिमाग में ताजा है।