मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय । Mukhtar Ansari Biography In Hindi
Mukhtar Ansari Biography In Hindi : (Age, Height, Family, Wife, Son, House, Property, Net Worth, Cases, Death, History)
मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय (जीवनी, आयु, कद, परिवार, पत्नी, बेटा, घर, कुल संपत्ति, केस, मौत, इतिहास)
गुरुवार, 28 मार्च को, बांदा अस्पताल में इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई. यह खबर समाचार चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे देश में हवा की तरह फैल गई. जो लोग मुख्तार अंसारी के नाम से अनजान थे, उन्होंने इंटरनेट के जरिए उनकी पूरी जीवनी सर्च करनी शुरू कर दी.
हमने इस लेख में मुख्तार अंसारी के एक माफिया से लेकर इस नाम के पीछे के आतंक के इतिहास से लेकर उनका राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ और उनके जीवन के बारे में पूरी जानकारी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें, आपको यह जरूर पसंद आएगा.
मुख्तार अंसारी का जीवन परिचय । Mukhtar Ansari Biography In Hindi
उनका उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ विधानसभा क्षेत्र से एक या दो बार नहीं, बल्कि पांच बार निर्वाचित होने का रिकॉर्ड था. इसमें उन्हें दो बार बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवार बनाया और दोनों बार वे बहुमत से जीते.
6 फीट 5 इंच कद, शारीरिक रूप से मजबूत गुंडे से लेकर राजनीति में दबंग नेता तक उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी. उनके द्वारा अपराधों की एक लंबी सूची तैयार की जा सकती है. इनमें राजनीतिक और सामूहिक हत्याओं से लेकर जबरन वसूली और समुदाय में शांति भंग करने और अवैध हथियार रखने जैसे कई अपराध शामिल हैं.
यूपी पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उसके खिलाफ न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर के कई थानों में कई गंभीर अपराध दर्ज हैं.
मुख्तार अंसारी का जन्म और परिवार । Mukhtar Ansari Birth and Family
मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के ग़ाज़ीपुर में एक सुन्नी मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सुभानुल्लाह अंसारी और माता का नाम बेगम रबिया है. उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता युग के दौरान महात्मा गांधी के साथ थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष पद पर भी थे, इसलिए इस परिवार को अपने दादा से राजनीति विरासत में मिली थी.
मुख्तार अंसारी अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. बड़े भाई सिबक्तुल्लाह अंसारी और अफ़ज़ाल अंसारी राजनीति में सक्रिय हैं और उत्तर प्रदेश के निर्वाचन क्षेत्रों से लोकसभा और विधान सभा के सदस्य हैं. मुख्तार अंसारी ने 1989 में अफसा अंसारी से शादी की. अफसा अंसारी से उनके दो बच्चे हैं, एक अब्बास अंसारी और दूसरा उमर अंसारी.
मुख्तार अंसारी की शिक्षा । Mukhtar Ansari Education
मुख्तार अंसारी ने पीजी कॉलेज गाजीपुर से बीए की पढ़ाई पूरी की है. चूँकि उन्हें बचपन से ही राजनीति में रुचि थी, इसलिए उन्होंने उस कॉलेज से छात्र परिषद का चुनाव लड़ा, जहाँ वे पढ़ रहे थे. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने पूर्वांचल की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की.
मुख्तार अंसारी का प्रारंभिक जीवन । Mukhtar Ansari Early Life
1970 के दशक की शुरुआत में, जैसे ही सरकार ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों को विकसित करने का निर्णय लिया, कई विकास परियोजनाओं की घोषणा की गई और कई कामों को मंजूरी दी गई. इन करोड़ों के काम के ठेके हासिल करने के लिए पूर्वांचल में कई गिरोह उभरे और उनके बीच काम के ठेके हासिल करने की होड़ मच गई. नतीजा ये हुआ कि ये हत्या, गैंगवार में तब्दील हो गया और यहीं से शुरू हुआ खूनी इतिहास का सिलसिला.
बताया जाता है कि मुख्तार मखनू सिंह गैंग में सक्रिय था. 1980 के दशक में इस गिरोह का सैदपुर में एक जमीन को लेकर दूसरे गिरोह से विवाद हो गया था. साहिब सिंह नामक व्यक्ति मखनू सिंह गैंग का मुखिया था और कहा जाता है कि यह लड़ाई उसी के नेतृत्व में हुई थी. इस घटना ने हिंसक रूप ले लिया और यहीं से हिंसा का सिलसिला शुरू हो गया.
तभी साहब सिंह के गैंग में काम करने वाले ब्रजेश सिंह नाम के शख्स ने अपना गैंग बनाकर ग़ाज़ीपुर और आसपास के इलाकों में आतंक मचाना शुरू कर दिया और वहां के कई ठेके के कामों पर कब्ज़ा कर लिया जैसे की कोयला खनन, स्क्रैप निपटान, रेलवे निर्माण और शराब कारोबार जैसे क्षेत्र में करोड़ों रुपये के काम को लेकर अंसारी के गिरोह की ब्रिजेश सिंह के गिरोह से दुश्मनी बढ़ने लगी. ये गिरोह अपहरण, रंगदारी और किश्त लेकर व्यापारियों को संरक्षण देने जैसे काम करते थे. उत्तर प्रदेश में इन गिरोह बड़ा रैकेट तैयार हो गया था.
मुख्तार अंसारी का राजनीतिक करियर । Mukhtar Ansari Political Career
1996 में मुख्तार अंसारी ने पहली बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मऊ से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उनके नाम मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधानसभा के लिए चुने जाने का रिकॉर्ड है. 2009 में, उन्होंने सांसद बनने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया और बसपा के टिकट पर वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी से मामूली वोट की अंतर से हार गए.
उसके बाद हत्या और रंगदारी जैसे बड़े मामलों के चलते उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया था. कुछ समय के बाद उन्होंने खुद 2012 में कौवामी एकता दल नाम से एक पार्टी बनाई और उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीता।
2016 में वह फिर से मायावती की पार्टी बीएसपी में शामिल हो गए.मायावती का कहना था की उनके उपर सिर्फ आरोप हैं. और उनके उपर लगाये हुए आरोप अदालत में अभी तक साबित नहीं हुए है यह कहकर उन्होंने उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया और उसके बाद मुक्तार अंसारीने मऊ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर 2017 का भी चुनाव जीता
मुख्तार अंसारी की संपत्ति। Mukhtar Ansari Property and Net Worth
चुनाव के दौरान उनके द्वारा दिए गए संपत्ति विवरण के अनुसार और उनसे मिली जानकारी के मुताबीक मुख्तार अंसारी की कुल संपत्ति 21 करोड़ 88 लाख तक अनुमानित है और देनदारियों की बात करें तो यह 6 करोड़ 91 लाख तक है.
मुख्तार अंसारी पर आपराधिक मामले । Mukhtar Ansari Criminal Cases
मुख्तार अंसारी और उनके पूरे परिवार के खिलाफ विभिन्न जिलों के पुलिस स्टेशनों में कुल 97 मामले दर्ज हैं. अकेले मुख्तार अंसारी पर 61 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे .वह वर्तमान मे बांदा जेल में सजा काट रहे थे.
उनके भाई अफजल और सिबकतुल्लाह के साथ मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी और उनके दो बेटे उमर और अब्बास अंसारी पर भी कुछ मामले दर्ज किए गए हैं.
2005 के बाद से, अंसारी पर हत्या, राजनीतिक नेताओं की जबरन वसूली, साथ ही सामाजिक शांति भंग करने और अवैध हथियार रखने जैसे कई अपराधों के लिए उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कई पुलिस स्टेशनों में मामला दर्ज किया गया है. वे 2005 से जेल में सजा काट रहे थे.
मुख्तार अंसारी की मृत्यू । Mukhtar Ansari Death
बांदा जेल में उनकी तबीयत अचानक खराब होने के कारण उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान अचानक उनकी 28 मार्च 2024 को मृत्यु हो गई. पोस्टमॉर्टम में डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. उनकी मृत्यु के समय उनकी आयु 60 वर्ष थी.
लेकिन अंसारी परिवार ने मुख्तार अंसारी को जहर देने का आरोप लगाया है. अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले, उन्होंने बाराबंकी अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह लगातार शारीरिक दर्द से पीड़ित थे और उनके भोजन में थोड़ी मात्रा में जहर मिलाकर उनको मारने की कोशिश की जा रही है.
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