डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बायोग्राफी । Vikas Divyakirti Biography In Hindi
दोस्तों, इस लेख में हम पूर्व आईएएस ऑफिसर और आज के जाने माने आईएएस कोचिंग संस्थान दृष्टि (Drishti) के संस्थापक और निर्देशक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जी की बायोग्राफी लेकर आएं हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा देने वाले या आईएएस बनने का सपना देखने वाले छात्रों को डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का नाम यकीनन मालूम होगा। वे अपनी सादगी और विभिन्न विषयों में गहरे ज्ञान के कारण छात्रों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान के संस्थापक और निर्देशक भी हैं। उनका छात्रों को पढ़ाने का तरीका अलग है; वे छात्रों को मनोरंजक तरीके से सिखाते हैं, ताकि छात्र तनावमुक्त होकर सीख सकें। शिक्षक होने के बावजूद, वे एक प्रसिद्ध लेखक भी हैं और उनकी कई रचनाएँ अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं।
दिव्यकीर्ति अपने कोचिंग संस्थान में भी बहुत प्रसिद्ध हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के छात्रों को सिखाने के अलावा उन्होंने छात्रों के कई प्रश्नों पर अपनी बहस में आवाज उठाई है। उनका नाम तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने सिविल सेवा योग्यता परीक्षा की कुछ त्रुटियों का विरोध किया। वे छात्रों के प्रश्नों को लेकर ज्यादातर टीवी बहसों में भी शामिल हुए हैं। उनके जीवन के बारे में और अधिक जानने के लिए यह लेख पूरा जरूर पढ़े।
Contents
जन्म और परिवार
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 को हरियाणा के भिवानी नामक शहर में हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े थे। उनके पिता हरियाणा के एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और माता भिवानी के एक स्कूल में शिक्षिका थीं। उनका पूरा परिवार आर्य समाज से जुड़ा हुआ है। हालांकि, उनके बारे में ज्यादा जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है। घर में शिक्षा का माहौल होने की वजह से दिव्यकीर्ति की पढ़ाई में बहुत रुचि थी।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तीन भाईयों में सबसे छोटे हैं। उनके दोनों बड़े भाई अच्छी पदों पर कार्यरत हैं। उनके पहले भाई अमेरिका में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और दूसरे भाई सीबीआई में डीआईजी पद पर हैं। विशेष बात यह है कि सगे भाई होने के बावजूद तीनों के सरनेम अलग-अलग हैं। बड़े भाई का मधुवर्षी, दूसरे का प्रियदर्शी और डॉ. विकास सर का दिव्यकीर्ति सरनेम है। इसके पीछे कारण यह है कि उनका परिवार आर्य समाज से जुड़ा है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपने पिता का सरनेम लिया। उनके पिता का सरनेम दिव्यकीर्ति था, और वही डॉ. विकास ने अपनाया।
शिक्षा
प्राथमिक और डिग्री तक की शिक्षा
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से पूरी की।
- दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में बीए और एमए की डिग्री प्राप्त की।
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.फिल. किया।
- डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के बारे में ज्ञात जानकारी के अनुसार, उन्होंने पीएचडी और एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पीएचडी की है।
यूपीएससी परीक्षा
- उन्होंने 1996 में यूपीएससी परीक्षा दी।
- सफल होने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पद पर नियुक्त हुए।
वैवाहिक जीवन
उनके पहले प्रयास के दौरान उन्होंने डॉ. तरूण वर्मा से मुलाकात की, और वे दोनों 26 मई 1997 में विवाहित हो गए। डॉ. तरूण वर्मा भी दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान के निदेशक के रूप में डॉ. विकास के साथ काम करती हैं। कई कार्यक्रम और सम्मेलनों में दोनों ने एक साथ भाग लिया है। उनका एक बेटा है, जिसका नाम है शाश्वत दिव्यकिर्ति।
करियर
साल 1996 में विकास दिव्यकिर्ति ने आईएएस (IAS) पद के लिए चयन हुआ। लेकिन उनका मन उसमें नहीं लगा और उन्होंने छात्रों को सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कराने का निर्णय लिया। कुछ महीने बाद उन्होंने आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी कोचिंग संस्था की शुरुआत की। इसमें वे भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करवाते थे और उनकी शिक्षा का अलग अंदाज छात्रों को आकर्षित करने लगा।
साल 1 नवम्बर 1999 में उन्होंने दृष्टि आईएएस की स्थापना की। यह कोचिंग सेंटर पहले मुखर्जी नगर तक सीमित था, लेकिन बाद में इसका विस्तार होता गया और अब इसकी शाखाएं बहुत स्थानों पर फैली हुई हैं।
बाद में उन्होंने छात्रों की रुचि को भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में बढ़ाने के लिए अपना एक YouTube चैनल शुरू किया। इसकी शुरुआत 2017 में हुई और आजकल यूपीएससी की तैयारी कर रहे हर एक छात्र उनको पहचानता है।
प्रस्तुत पुस्तकें
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख पुस्तकों के नाम नीचे दिए गए हैं। यूपीएससी या अन्य प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए ये पुस्तकें बहुत फायदेमंद हैं।
- आपत्ति मे विवेक
- सार्थक जीवन के 7 मूलमंत्र
- योगदान: एक संघर्ष
- आधुनिक भारतीय समाज: चुनौतियाँ और समाधान
- शिक्षक: शिक्षा के लिए प्रेरणास्त्रोत
- समय के साथ जीत: स्वास्थ्य और जीवन शैली
- संवाद: जीवन के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा
संपत्ति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की कुल संपत्ति लगभग 3 मिलियन डॉलर तक है, जो की भारतीय रुपयों में लगभग 25 करोड़ तक होती है। समय के अनुसार इस संपत्ति में बदलाव भी आ सकता है। उनकी कमाई के सोर्स यूट्यूब, अपना खुदका कोचिंग सेंटर, कार्यशाला, और व्याख्यान से हैं।
महत्वपूर्ण कार्य
भारतीय स्पर्धा परीक्षाओं में छात्रों के लिए बाधाएं उत्पन्न करने वाले बहुत सारे निर्णयों पर डॉ. विकास दिव्यकिर्ति ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने हर बहस में शामिल होकर अभ्यर्थियों को आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया है। सिविल सेवा अप्टीट्यूड CSAT छात्रों के लिए एक बड़ी कठिनाई थी, क्योंकि CSAT अंग्रेजी भाषा में होती थी।
लेकिन स्थानीय या हिंदी भाषी छात्रों को इस कठिनाई का सामना करना पड़ता था। यूपीएससी ने 2011 में इस परीक्षा की शुरुआत की थी, और हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए इस बाधा को दूर करने के लिए डॉ. विकास ने आयोग को कुछ उपाय बताए थे।
मिले हुए पुरस्कार
डॉ. विकास दिव्यकिर्ति को उनके शैक्षिक और सामाजिक योगदान के कार्य के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनमें से कुछ मुख्य पुरस्कारों के नाम नीचे दिए गए हैं:
1. यश भारती पुरस्कार (2017): इस पुरस्कार से उन्हें उनके शैक्षिक और सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
2.भारतीय जनसेवा पुरस्कार (2019): इस पुरस्कार से उन्हें उनके शैक्षिक कार्यों और छात्रों के प्रेरणात्मक प्रभाव के लिए सम्मानित किया गया है।
3.व्यक्तिगत जीवन में पद्म श्री पुरस्कार (2021): इस पुरस्कार से उन्हें उनके छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए लिखी गई अनेक पुस्तकों के लेखन और शैक्षिक क्षेत्र में किए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
डॉ. विकास दिव्यकिर्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते
- लेखन रुचि: डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपने कोचिंग के अलावा कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख पुस्तकें “आपत्ति में विवेक”, “सार्थक जीवन के 7 मूलमंत्र”, और “समय के साथ जीत” शामिल हैं।
- शिक्षा के क्षेत्र में योगदान: उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में बीए, एमए, और पीएचडी की डिग्री हासिल की है, और उन्होंने भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा (यूपीएससी) की तैयारी करवाने में अहम भूमिका निभाई है।
- पुरस्कार: उन्हें यश भारती पुरस्कार (2017), भारतीय जनसेवा पुरस्कार (2019), और व्यक्तिगत जीवन में पद्म श्री पुरस्कार (2021) जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
- व्याख्यानकार: वे एक जाने-माने व्याख्याता भी हैं और उन्होंने अपनी बहुमुखी योग्यताओं के कारण विभिन्न संगोष्ठियों और व्याख्यानों में भाग लिया है।
- सामाजिक योगदान: उन्होंने अपने शैक्षिक और सामाजिक कार्यों से छात्रों को प्रेरित किया है और सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति और दृष्टि कोचिंग संस्थान के सोशल मीडिया अकाउंट्स
प्लेटफार्म | सोशल मीडिया हैंडल |
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ट्विटर | Vikas Divyakirti, Drishti IAS |
इंस्टाग्राम | divyakirti.vikas, drishtiias |
यूट्यूब | Vikas Divyakirti, Drishti IAS |
वेबसाईट | https://www.drishtiias.com/ |
सारांश
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FAQ’s
दृष्टि कोचिंग सेंटर के मालिक कौन है?
दृष्टि कोचिंग सेंटर के मालिक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति हैं।
विकास दिव्यकीर्ति की उम्र क्या है?
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की जन्मतिथि 23 अप्रैल 1980 है, इसलिए उनकी वर्तमान आयु लगभग 44 वर्ष होगी।
विकास दिव्यकीर्ति सर की कुल संपत्ति कितनी है?
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की कुल संपत्ति के बारे में समाचारिक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 3 मिलियन डॉलर तक (यानी लगभग 25 करोड़ भारतीय रुपये) हो सकती है। इसमें समय के साथ बदलाव आ सकता है, क्योंकि वे अपनी आय को यूट्यूब, अपने कोचिंग सेंटर, कार्यशाला, और व्याख्यान से प्राप्त करते हैं।
विकास दिव्यकीर्ति के कितने बच्चे हैं?
विकास दिव्यकीर्ति को एक बेटा है उसका नाम है शाश्वत दिव्यकिर्ति।
विकास दिव्यकीर्ति के पत्नी का नाम क्या है
विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी का नाम तरुण वर्मा है।