National Flag Day 2024: जाने तिरंगे का इतिहास, कैसे बना हमारा राष्ट्रीय ध्वज स्वतंत्रता का प्रतीक?

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नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हमने National Flag Day 2024 के बारे में जानकारी दी है। हमारे देश की शान, तिरंगे को इसी दिन देश का आधिकारिक ध्वज के रूप में मान्यता मिली थी और इसी दिन से यह ध्वज देश की अखण्डता, एकता और साहस का प्रतीक बन गया है।

देश के हर नागरिक के दिल में तिरंगे के प्रति सम्मान है। हमारे देश के हर भारतीय को जहां भी यह तिरंगा दिखाई देता है, वहां उसके मन में तुरंत अपने देश के प्रति सम्मानजनक भावना उत्पन्न होती है और उसका सिर गर्व से ऊंचा होता है। हमारे राष्ट्रध्वज के प्रति हर भारतीय के दिल में अभिमान की भावना तो है, लेकिन इस तिरंगे का इतिहास भी जानना हमें बहुत जरूरी है। हमारे राष्ट्रध्वज का इतिहास और उसके तीन रंगों मे छिपा अर्थ जानने के लिए National Flag Day 2024 यह लेख आपको पूरी तरह से पढ़ना चाहिए।

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राष्ट्रीय ध्वज दिवस 2024 । National Flag Day 2024

इस वर्ष राष्ट्रीय ध्वज दिवस 2024 में, 22 जुलाई को मनाया जाएगा, जो भारतीय तिरंगे की स्वीकृति की 78वीं वर्षगांठ है। 15 अगस्त को हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। उससे कुछ समय पहले ही देशभक्तों ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें कमजोर कर दी थीं। कुछ ही दिनों में देश स्वतंत्र होने का विश्वास सभी भारतीयों के मन में पैदा हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के 23 दिन पहले, यानी 22 जुलाई 1947 को, संविधान सभा ने तिरंगे को आधिकारिक रूप से भारतीय ध्वज के रूप में मान्यता दी थी। आजादी से पहले, हमारे राष्ट्रीय ध्वज में समय-समय पर बदलाव होते रहे थे। इसके बारे में हमने संक्षिप्त रूप में नीचे जानकारी दी है।

  • 1906 में बंगाल विभाजन के विरोध में कोलकाता में पहला तिरंगा फहराया गया। इस तिरंगे में ऊपर हरा, बीच में पीला और नीचे लाल रंग था।
  • 1907 में मैडम कामा द्वारा बर्लिन में बर्लिन समिति ध्वज फहराया गया, जिसमें ऊपर केसरिया, बीच में पीला और नीचे हरा रंग था।
  • 1917 के दौरान लोकमान्य तिलक और डॉ. बेसेंट ने एक नए ध्वज का अनावरण किया।
  • 1921 के दौरान महात्मा गांधी ने एक ध्वज का प्रस्ताव रखा।
  • 1931 के दौरान महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तवित चरखें वाले तिरंगे को कांग्रेस कमेटी ने मान्यता दी।
  • 1947 में भारत स्वतंत्र होने के कुछ दिन पहले, 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को भारतीय ध्वज के रूप में अधिकारिकता प्रदान की।

इस राष्ट्रीय ध्वज का डिज़ाइन पिंगली वेंकय्या जी ने बनाया था, जो एक स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त थे। उन्होंने साल 1921 मे इस ध्वज का डिज़ाइन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सामने पेश किया था और 22 जुलाई 1947 को इसे संविधानिक रूप से मान्यता दी गई।

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राष्ट्रध्वज के तीन रंगों का अर्थ

हमारे भारतीय राष्ट्रध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफेद और हरा, जिनमें सफेद पट्टी पर अशोक चक्र है। यह तीनों रंग और अशोक चक्र का अर्थ बहुत ही गहरा है। हम अक्सर इन तीन रंगों को जाति की नजरिए से देखते हैं, लेकिन इन तीनों रंगों के पीछे की भावना को हम नीचे देखेंगे। नीचे हमने देश के राष्ट्रध्वज तिरंगे के बारे में तालिका में जानकारी दी है।

विवरणरंगअर्थअन्य जानकारी
केसरिया पट्टीकेसरिया रंगशक्ति और साहस का प्रतीकतिरंगे की सबसे ऊपरी पट्टी
सफेद पट्टीसफेद रंगशांति और सच्चाई का प्रतीकतिरंगे की बीच की पट्टी; इसमें अशोक चक्र स्थित है
हरी पट्टीहरा रंगसमृद्धि और उर्वरता का प्रतीकतिरंगे की सबसे निचली पट्टी
अशोक चक्रनीला रंगनिरंतरता और प्रगति का प्रतीकसफेद पट्टी के बीच में; 24 तीलियां; धर्म चक्र
आकारआयताकारलंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2तिरंगे का आकार हमेशा समान रहता है
  • केसरी(केसरिया): राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी केसरिया रंग की है, जो हमारे देश की शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती है। किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में हमारे देशवासी किस तरह निडर और निःस्वार्थ रहते हैं, इसका प्रतीक यह रंग है।
  • सफेद: तिरंगे की बीच की पट्टी सफेद रंग की है, जो शांति का प्रतीक मानी जाती है। हमारे देश में अनेक जाति और धर्म के लोग रहते हैं। उनमें शांति और एकता बनाए रखने का प्रतीक यह सफेद रंग है।
  • हरा: तिरंगे की सबसे नीचे की पट्टी हरे रंग की है। हरा रंग हमारे प्रकृति का रंग है। इसके अलावा, हमारा देश पहले से कृषि प्रधान माना जाता है। देश को कृषि क्षेत्र में समृद्धि मिलती रहे और देश की प्रकृति हरी-भरी रहे, इसका प्रतीक यह हरा रंग है।
  • अशोक चक्र: सफेद रंग की पट्टी के बीच नीले रंग का अशोक चक्र है। देश को निरंतर गति और प्रगति मिलती रहे, इसका यह प्रतीक है। इसे हम धर्म चक्र के रूप में भी देखते हैं। यह अशोक चक्र सारनाथ के सिंह स्तंभ से लिया गया है।

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राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें।

भारत देश को स्वतंत्र करने के लिए हमारे देश के कितने देशभक्तों ने इस स्वतंत्रता की यज्ञ में अपनी आहुती दी है। आज़ादी की बहुत बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ी, तब जाकर इस देश को आज़ादी मिली। आज भी हमारे नौजवान सीमा पर हमें सुरक्षित रखने और इस तिरंगे के सम्मान के लिए बॉर्डर पर खड़े हैं। उनकी वजह से हम लोग हमारे मोहल्ले और घरों में महफूज़ हैं।

लेकिन जब 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के अवसर पर हम तिरंगा लहराते हैं, तब उन दो दिनों में ही हम उसका सम्मान करते हैं। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दूसरे दिन हमें तिरंगा का अपमान होते दिखाई देता है। इसलिए जब भी आप अपने घर, कार्यालय और अपने काम की जगह तिरंगा लहराते हैं, तो दूसरे दिन उसे सम्मानपूर्वक उतारकर अच्छी जगह रखना चाहिए।

आप अपने वाहन पर जब भी तिरंगा लगाते हैं, तो ध्यान दें कि कहीं हमारे राष्ट्रध्वज का हमारे हाथों अपमान तो नहीं हो रहा। 15 अगस्त और 26 जनवरी के बाद अगर आपको तिरंगा रास्ते पर दिखे, तो उसे उठाएं और साफ-सुथरा करके किसी उचित जगह पर रखें। हम अपने देश के खातिर इतना तो कर सकते हैं, हमारे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान तो करना भी एक तरह की देशभक्ति ही है।

सारांश

इस लेख National Flag Day 2024 में हमने भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया है। हमें आशा है कि यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। इस लेख में अगर कोई त्रुटि हो तो आप हमें मेल कर सकते हैं। हम आपके कहने अनुसार उस लेख में सुधार करने का प्रयास अवश्य करेंगे। जानकारी अच्छी लगी हो तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इस तरह के अन्य लेख देखने के लिए आप हमसे व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

FAQ’s

  • भारतीय ध्वज के डिजाइनर कौन थे?

    भारतीय ध्वज के डिजाइनर पिंगली वेंकैया थे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सामने 1921 मे इस ध्वज का डिज़ाइन पेश किया था। 22 जुलाई 1947 को इस ध्वज को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से भारतीय राष्ट्रध्वज के रूप में मान्यता दी गई।

  • अशोक चक्र में कितनी रेखाएं होती हैं?

    अशोक चक्र में कुल 24 रेखाएँ होती हैं।

  • अशोक चिन्ह का मतलब क्या है?

    अशोक चक्र, जो भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में दिखाई देता है, का मतलब निरंतरता और प्रगति है। इसे धर्म चक्र भी कहा जाता है और यह सम्राट अशोक के सिंह स्तंभ से लिया गया है। चक्र के अंदर 24 तीलियां होती हैं, जो निरंतरता की स्थिति को सिंबोलाइज़ करती हैं।

  • भारतीय राष्ट्रध्वज मे कितने रंग है ?

    भारतीय राष्ट्रध्वज में तीन रंग होते हैं : केसरिया (सफेद और हरे के बीच ऊपरी पट्टी),सफेद (केसरिया और हरे के बीच मध्यम पट्टी),हरा (सफेद और केसरिया के बीच निचली पट्टी)

  • भारत में कितने झंडे हैं?

    भारत में विभिन्न प्रकार के झंडे होते हैं: राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय राजमार्ग ध्वज, राष्ट्रीय सेना ध्वज, और विशेष ध्वज।

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