अरविंद केजरीवाल की जीवनी – Arvind Kejriwal Biography in Hindi

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

अरविंद केजरीवाल की जीवनी (Arvind Kejriwal Biography in Hindi) : 2011 में दिल्ली के जंतर मंतर पर समाजसेवक अण्णा हज़ारे जी ने लोकपाल बिल पास करने के लिए एक आंदोलन किया था। उस आंदोलन में अण्णा हज़ारे के साथ कुछ अन्य लोगों ने भी सहभाग लिया था। उस आंदोलन में अण्णा हज़ारे जी के साथ एक चेहरा उभरकर सामने आया, जो देखते ही देखते भारत के घर-घर तक पहचाना जाने लगा। हम बात कर रहे हैं दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अरविंद केजरीवाल की। आज इस लेख में हमने अरविंद केजरीवाल की जीवनी प्रस्तुत की है। तो इसे आप जरूर से पूरा पढ़े।

अरविंद केजरीवाल की जीवनी – Arvind Kejriwal Biography in Hindi

इस लेख में हम अरविंद केजरीवाल की जीवनी (Arvind Kejriwal Biography in Hindi) देखने जा रहे हैं। उनका जन्म, परिवार, शिक्षा, वैवाहिक जीवन, आंदोलन, राजनीतिक जीवन और पुरस्कारों के बारे में हमने विस्तार से बताया है। तो चलिए, हम उनके जीवन पर एक नजर डालते हैं।

विवरणजानकारी
नामअरविंद केजरीवाल
जन्म तिथि16 जून 1968
जन्म स्थानसिवानी, हिसार, हरियाणा, भारत
धर्महिंदू
जातिवैश्य (बनिया)
पिता का नामगोविंद राम केजरीवाल
माता का नामगीता देवी गोविंद केजरीवाल
पिता का पेशाजिंदल स्टील लिमिटेड में इंजीनियर
वैवाहिक स्थितिशादीशुदा
पत्नी का नामसुनीता केजरीवाल
बच्चे2
बेटे का नामपुलकित
बेटी का नामहर्षिता

अरविंद केजरीवाल का जन्म और परिवार

अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 जून 1968 को भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्य हरियाणा के हिसार जिले के सिवानी नामक गाँव में एक वैश्य (बनिया) जाति के हिंदू परिवार में हुआ था। धर्म के वैश्य जाति में उनके पिता का नाम गोविंद राम केजरीवाल और माता का नाम गीता देवी है। उनके पिता कई साल पहले जिंदल स्टील लिमिटेड में इंजीनियर के तौर पर नौकरी करते थे। अरविंद केजरीवाल शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी का नाम सुनीता केजरीवाल है। उनके दो बच्चे भी हैं, एक लड़का और एक लड़की। लड़के का नाम पुलकित और लड़की का नाम हर्षिता है।

जरूर पढ़े : Kavya Maran Biography : इस ‘मिस्ट्री गर्ल’ ने सोशल मीडिया पर मचाई है धूम!

अरविंद केजरीवाल की शिक्षा

अरविंद केजरीवाल की प्राथमिक शिक्षा हिसार जिले के एक कैंपस स्कूल में हुई थी। उसके बाद, आगे की शिक्षा के लिए उन्हें सोनीपत के ईसाई मिशनरी स्कूल में दाखिला दिलाया गया, जो हरियाणा में स्थित है। 12वीं के बाद उन्होंने 1985 में IIT-JEE परीक्षा दी और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 563 हासिल कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (Indian Institute of Technology Kharagpur) में दाखिला लेकर वर्ष 1989 में अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग (B-Tech) की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने वर्ष 1989 में ही बिहार के जमशेदपुर में स्थित ‘टाटा स्टील’ कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। लेकिन बाद में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने वर्ष 1992 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

जरूर पढ़े : HALDHAR NAG : दिल्ली तक आने के लिए पैसे नहीं हैं… “पद्मश्री” डाक से भेज दीजिए, सर!

अरविंद केजरीवाल का राजनीति में आने से पहले का जीवन

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1989-90 के दौरान जमशेदपुर में टाटा कंपनी में नौकरी पाई, लेकिन उनकी रुचि काम में नहीं थी। 1992 के दौरान उन्होंने टाटा स्टील कंपनी को अलविदा कहा। ऐसा कहा जाता है कि सामाजिक कार्य करने के उद्देश्य से वह मदर टेरेसा के संपर्क में आ गए, लेकिन उसमें भी उनका मन नहीं लगा।

इसके बाद वे फिर घर वापस लौटे और दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए, जिसमें उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हो गई। अपने दम पर उन्होंने आईआरएस में नौकरी पाई और आयकर विभाग में वे रेवेन्यू ऑफिसर बन गए। वहाँ उन्होंने 2006 तक काम किया।

2006 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और आयकर विभाग की नौकरी भी छोड़ दी और समाजसेवा में उतर आए। दिल्ली में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्होंने पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन का गठन किया और वहीं से उनका नाम सुर्खियों में आया।

जरूर पढ़े : सूरदास का जीवन परिचय । Surdas Ka Jivan Parichay

राजनीतिक करियर 

साल था 2011 महाराष्ट्र में रहने वाले समाजसेवक अण्णा हज़ारे द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन शुरू हुआ। लोकपाल बिल पास करने हेतु यह अनशन किया गया था। उस आंदोलन में अरविंद केजरीवाल सहित अन्य लोगों ने भी भाग लिया था। अण्णा हज़ारे के साथ-साथ इस आंदोलन का मुख्य चेहरा अरविंद केजरीवाल भी बन गए थे।

लोकपाल बिल पास हो गया और अनशन समाप्त हो गया, लेकिन अरविंद केजरीवाल का नाम तब से चर्चा में आ गया। इसके बाद, अरविंद केजरीवाल ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक राजनीतिक पार्टी बनाई। उस पार्टी का नाम था ‘आम आदमी पार्टी’ और इसके बाद उनका राजनीतिक करियर शुरू हो गया।

3 बार बने मुख्यमंत्री

राजनीति में प्रवेश करने के बाद, केजरीवाल ने 2013 के चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में उतारे और उन्हें पहली ही बार में सफलता हासिल हो गई। उन्होंने दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को सीधी चुनौती दी थी। शीला दीक्षित को पराजित करके, वे दिल्ली के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में कुर्सी पर बैठ गए। लेकिन तब उनकी सरकार केवल 49 दिनों तक ही टिकी रही।

उसके बाद, 2015 में, उन्होंने अपनी पार्टी के 67 उम्मीदवारों को जीत दिलाई और केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए। इस बार उन्होंने पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। फिर 2020 के चुनाव में 62 सीटें जीतकर, उन्हें फिर से सफलता प्राप्त हुई और लगातार तीसरी बार उनकी जीत हुई। केजरीवाल ने रामलीला मैदान पर तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

काफी कम समय में, उनकी पार्टी ने पूरे भारत में अपने अजेंडा को बताकर प्रचार करना शुरू कर दिया और उसमें वे सफल हो गए। ‘आप’ ने पंजाब राज्य में भी अपना पैर जमाया साथ ही हरियाणा और गोवा में भी अपनी पहचान बनाई। आज भारत देश के लगभग सभी राज्यों मे उनकी पार्टी का प्रचार और प्रसार हुआ है।

अरविंद केजरीवाल जी को मिले हुए पुरस्कार

दिल्ली के 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके अरविंद केजरीवाल को उनके कामकाज के लिए विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें उनके कार्य के लिए मिले पुरस्कारों के बारे में नीचे संक्षिप्त रूप में जानकारी दी गई है।

  • रमन मैग्सेसे पुरस्कार (2006) : 2006 में अरविंद केजरीवाल को रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर सामान्य आदमी की मदद करने के लिए दिया गया था।

  • सतपाल मित्तल नेशनल अवॉर्ड (2005) : साल 2005 में उन्हें सतपाल मित्तल नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें सामाजिक सेवा एवं जनसेवा के कार्य के लिए दिया गया था।

  • अशोक फेलोशिप (2004) : साल 2004 में अरविंद केजरीवाल को अशोक फेलोशिप से सम्मानित किया गया।

  • सर्वश्रेष्ठ आईआईटी एलुमनाई अवॉर्ड (2011) : साल 2011 में, उन्हें आईआईटी खड़गपुर द्वारा सर्वश्रेष्ठ एलुमनाई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जहां से उन्होंने अपना स्नातक पूरा किया था।

  • NDTV इंडियन ऑफ द ईयर (2011) : अरविंद केजरीवाल को 2011 में NDTV इंडियन ऑफ द ईयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

सारांश

आज इस लेख में हमने अरविंद केजरीवाल की जीवनी (Arvind Kejriwal Biography in Hindi) पेश की है। आपको यह जानकारी कैसी लगी ये हमें कॉमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। यदि इस लेख में कोई त्रुटि है तो आप हमें मेल कर सकते हैं। हम इसमें अवश्य सुधार करने का प्रयास करेंगे। यदि लेख आपको अच्छा लगा है तो शेयर करना न भूलें। इस तरह के अन्य लेखों को भी देखना चाहते हैं तो आप हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल हो सकते हैं। हम अलग-अलग विषयों पर आपको जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

FAQ’s

  • अरविंद केजरीवाल कितना पढ़ा लिखा है?

    अरविंद केजरीवाल ने बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) तक पढ़ाई की है। उन्होंने अपना स्नातक आईआईटी खड़गपुर से पूरा किया है।

  • केजरीवाल का असली नाम क्या है?

    उनका असली नाम “अरविंद केजरीवाल” ही है। और वे वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा, वे आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष भी हैं।

  • अरविंद केजरीवाल कितने बार सीएम बने?

    अरविंद केजरीवाल ने साल 2013, 2015 और 2020 में तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) का कार्यभार संभाला है।

  • दिल्ली में सरकार किसकी है?

    वर्तमान में (2024) दिल्ली में सत्ता आम आदमी पार्टी (AAP) के पास है।

Share this post
Team Hindi Words

Team Hindi Words

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *