भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है?
भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है? यह सवाल आपके मन में कभी न कभी जरूर उठा होगा। इस लेख में आपको इस प्रश्न का उत्तर अवश्य मिलेगा। आप सभी को पता है कि भारतीय रेल यात्रियों के लिए जीवन रेखा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यात्रा क्षेत्र में रेलवे का महत्व अद्वितीय है। रेलवे के माध्यम से मजदूर वर्ग, सामान्य नागरिक, पहाड़ों और घाटियों में रहने वाले लोग, व्यापारी वर्ग के साथ-साथ दूर-दराज के गांवों और शहरों को इसके जरिए एकजुटता बनाए रखने का काम किया जा रहा है।
रेलवे लोगों को दूर-दराज के तीर्थ स्थानों पर जाने, श्रमिक वर्ग को उनके कार्यस्थल तक पहुंचने, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को काम के लिए शहरी क्षेत्रों में आने और व्यापारी वर्ग को माल परिवहन करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इस कारण लोगोके जीवन स्तर में वृद्धि हुई है।
आज के लेख में हम जानेंगे भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है, इसका भारतीय इतिहास मे क्या महत्व है और लोगों के जीवन मे इसका क्या स्थान है.
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भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन
भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन हावड़ा रेलवे स्टेशन है, जो पश्चिम बंगाल में स्थित है। इसमें 23 प्लेटफॉर्म और 26 ट्रैक हैं। इस रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 360 यात्री ट्रेनें गुजरती हैं और 133 ट्रेनें अपनी यात्रा की शुरुआत करती हैं, जो इसे भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है। इस स्टेशन को भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन होने का गौरव प्राप्त है।
हावड़ा रेलवे स्टेशन की प्रमुख विशेषताएँ नीचे दी गई हैं:
- प्लेटफॉर्म और ट्रैक: हावड़ा रेलवे स्टेशन में कुल 23 प्लेटफॉर्म और 26 ट्रैक हैं।
- यात्री ट्रेनों की संख्या: इस स्टेशन से लगभग 360 यात्री ट्रेनें गुजरती हैं और प्रतिदिन 133 ट्रेनें अपने प्रवास की शुरुआत करती हैं।
- डिजाइन और सुविधाएं: भारतीय रेलवे ने इसे इस तरह से डिजाइन किया है कि यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए फ्लाईओवर पार करने की जरूरत नहीं पड़ती।
- महत्व: हावड़ा रेलवे स्टेशन को भारत की जीवन धारा माना जाता है, जो इसे विशेष महत्व प्रदान करता है।
हावड़ा रेलवे स्टेशन का इतिहास और उसका विकास भारतीय रेलवे के समृद्ध इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्टेशन न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र है।
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हावड़ा रेलवे स्टेशन का इतिहास
कोलकाता में स्थित हावड़ा रेलवे स्टेशन की स्थापना वर्ष 1854 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी। भारत में पहली ट्रेन 1853 में मुंबई से शुरू की गई थी और दूसरी ट्रेन 1854 में हावड़ा रेलवे स्टेशन से शुरू की गई थी। और यहीं से विकास का एक नया युग शुरू हुआ।
हावड़ा कोलकाता का एक छोटा शहर लेकिन, इसमे स्तिथ इसके रेलवे स्टेशन के वजह से कोलकाता के इस उपनगर को भारत में उद्योग का केंद्र होने का गौरव प्राप्त हुवा है। धीरे-धीरे कई छोटे-बड़े उद्योग इस स्थानक के वजहसे आस पास शुरू हो गये।
हावड़ा रेलवे स्टेशन के इतिहास की और एक याद जो हम भूल नहीं सकते भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले महान क्रांतिकारी योगेश चंद्र चटर्जी को हावड़ा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया। आजादी के इतिहास में मशहूर काकोरी कांड में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और उन्हे आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी।
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हावड़ा रेलवे स्टेशन की उपयोगिता और इसका प्रभाव
हावड़ा रेलवे स्टेशन को भारतीय रेलवे स्टेशनों में सम्मान का स्थान प्राप्त है क्योंकि यह सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है और यह भारत के व्यापारी वर्ग के लिए व्यापार का केंद्र है, न केवल यहाँ से छोटे-बड़े व्यापार और उद्योग के स्रोत चलते हैं, बल्कि विदेशी वस्तुओं का भी आयात-निर्यात यहीं से होता है।
इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ता है क्योंकि एक मजबूत रेल नेटवर्क माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है।
यहां प्रतिदिन कई मालगाड़ियां आती रहती हैं इसलिए देश के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने का महत्वपूर्ण कार्य भारतीय रेलवे द्वारा किया जा रहा है।
हावड़ा रेलवे स्टेशन का सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव
भारत में अधिकांश वस्तुओं का आयात-निर्यात रेल परिवहन के माध्यम से होता है। कोलकाता स्थित हावड़ा रेलवे स्टेशन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का शक्ति केंद्र बन गया है।
यहाँ से अनेक यात्री-रेल गाड़ियाँ एवं माल गाड़ियाँ आती-जाती हैं। साथ ही रेल परिवहन अन्य परिवहन साधनों की तुलना में सस्ता और सुविधाजनक है। रेल परिवहन आम व्यापारियों के लिए पुनर्जागरण साबित हो रहा है।
इससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आसान हो गया है और इससे देश की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ भारतीयों के आर्थिक जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिल रही है।
हावड़ा रेलवे स्टेशन का एक अद्वितीय पहलू यह है कि भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन होने के बावजूद, उन्होंने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। इस उपनगर को पर्यावरण-अनुकूल इंजीनियरिंग व्यवसाय को बढ़ावा देने वाले शहर के रूप में मान्यता दी गई है।
पर्यटन की दृष्टि से हावड़ा रेलवे स्टेशन का महत्व
भारत के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की सूची में हावड़ा स्टेशन का भी नाम है। हावड़ा कोलकाता शहर का एक उपनगर है और यह शहर हुगली नदी किनारे कोलकाता शहर से थोड़ी दूरी पर स्तिथ है।
पर्यटक भारत के इस सबसे बड़े रेलवे स्टेशन की अद्वितीय शैली, सुरक्षा प्रणाली और पर्यटकों के लिए उपलब्ध सेवा सुविधाओं का अनुभव करने के लिए यहां आते हैं।
यह शहर कोलकाता के नजदीक होनेके कारण पर्यटक इसके के साथ-साथ कोलकाता की सुंदरता का आनंद लेने यहा आते है।
आगामी काल में इसके दिशानिर्देश
भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। कुछ महीने पहले भारत सरकार ने अमृत भारत स्टेशन की घोषणा की थी।
इस योजना के तहत भारत के 1275 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा। इस परियोजना का कुल बजट 24 हजार 700 करोड़ रुपये है और अधिकांश रेलवे स्टेशनों का तेजी से काम शुरू करके पुनर्परिवर्तन किया जा चुका है।
इसमें हावड़ा रेलवे स्टेशन भी शामिल है जो की भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन माना जाता है. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हावड़ा रेलवे स्टेशन का भी नवीनीकरण किया जाएगा।
सारांश
आज के लेख में, हमने भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौनसा है? इसके बारे में विस्तृत जानकारी देनेकी कोशिश की है।
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FAQ’s
भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है?
भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन हावड़ा रेलवे स्टेशन है. यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में स्थित है और कोलकाता की मुख्य पहचान माना जाता है.
देश का सबसे व्यस्त जंक्शन कौन है?
देश का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन हावड़ा रेलवे स्टेशन है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों के लिए अपने दरवाज़े खोलता है. यहाँ की 23 प्लेटफ़ॉर्मों से, अनगिनत लोग रोज़ाना ट्रेन में सफ़र करते हैं, इस कारण यह देश का सबसे व्यस्त जंक्शन माना जाता है.
अमृत भारत के कितने स्टेशन हैं?
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, भारत सरकार 1309 रेलवे स्टेशनों का नवीकरण करेगी. इसका उद्देश्य सुरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक स्टेशनों का निर्माण करना है ताकि यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्राप्त हों.