PT Usha biography in hindi: भारतीय उड़न परी की गहरे संघर्ष की कहानी

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PT Usha biography: भारत में कई ऐसे खिलाड़ी पैदा हुए हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद संघर्ष और कड़ी मेहनत के दम पर भारत के लिए कई पदक जीते और देश का नाम विश्व खेल क्षेत्र में एक अलग ऊंचाई पर ले जाने का काम किया.

जिन्होंने 1980 के दशक में एशियाई खेलों में अपनी मेहनत से भारत का नाम बड़ा बनाने का काम किया. इसके बाद जिस नाम पर भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान गया, वह नाम था पिलाउल्लाकांडी थेक्केपराम्बिल उषा उर्फ ​​पीटी उषा (PT Usha).

पीटी उषा (PT Usha) का नाम एशिया में सबसे अच्छे धावको में से एक और भारत में महान खिलाड़ियों की सूची में एक बड़ा नाम बन गया.

प्रतियोगिता में उनकी गति के कारण उन्हें “क्वीन ऑफ इंडियन ट्रैक एण्ड फील्ड” (Queen of Indian track and field) के खिताब से नवाजा गया.

पीटी उषा का जीवन परिचय (PT Usha Biography in hindi)

आज इस लेख में हम पीटी उषा (PT Usha) की जीवन कहानी का खुलासा करने जा रहे हैं.  इस लेख में हम उनके जन्म, बचपन, उनके शैक्षिक जीवन के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन और उनकी संपूर्ण जीवन यात्रा के बारे में जानकारी देखने जा रहे हैं.

तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें, आपको यह जरूर पसंद आएगा.

पीटी उषा का बचपन और परिवार (PT Usha Childhood And Family)

27 जून 1964 को केरल राज्य के पय्योली नामक एक छोटेसे गाँव में पीटी उषा (PT Usha) का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम ई.पी.एम पैथल(E.P.M. Paithal) और माता का नाम टी.व्ही. लक्ष्मी (T.V. Lakshmi) है.

पीटी उषा का शरीर बचपन में कमजोर था लेकिन उन्होंने स्कूल के दिनों से ही अपने शरीर पर काम करना शुरू कर दिया था.

1976 में, केरल सरकार ने कन्नूर में महिलाओं के लिए एक एथलेटिक केंद्र की स्थापना की थी. तभी पीटी उषा बारह साल की उम्र में प्रशिक्षण के लिए केंद्र में शामिल हो गईं थी.

ओम नांबियार उनके कोच थे और पीटी उषा ने उनके मार्गदर्शन में सराहनीय प्रदर्शन किया.

पीटी उषा पुरस्कार (PT Usha Awards)

पीटी उषा, भारतीय खेलों की दुनिया में एक प्रमुख नाम हैं, जिन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. नीचे उनके द्वारा प्राप्त किए गए पुरस्कारों की सूची प्रदान की है.

  • वर्ष 1984 में उन्हें भारतीय खिलाड़ियों को दिया जानेवाला खेल के क्षेत्र का अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
  • वर्ष 1985 में उन्हें देश के सर्वोच्च पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
  • 1985 में जकार्ता में एशियाई एथलेटिक मेले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए उन्हें एशिया की महानतम महिला एथलीट का पुरस्कार दिया गया.
  • 1986 में एशियाई खेलों के बाद उन्हें सर्वश्रेष्ठ धावक के रूप में एडिडास गोल्डन शू अवार्ड मिला.
  • इसके अलावा, मार्शल टीटो अवार्ड, वर्ल्ड ट्रॉफी प्लेड, केरल स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट अवार्ड जैसे विभिन्न पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है.

पीटी उषा की उपलब्धियां (PT Usha Achievements)

  • अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्होंने सोलह वर्ष की आयु में 1980 में ‘पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन्होंने इस प्रतियोगिता में अपना करिश्मा दिखाया और देश के लिए 4 स्वर्ण पदक जीते और भारत का नाम विश्व खेल क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचाया.
  • 1982 में जूनियर इनविटेशन मीट में हिस्सा लेकर पीटी उषा ने देश के लिए खेलते हुए 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण और कांस्य पदक जीते.
  • उन्होंने साल 1985 में आयोजित एशिया ट्रैक वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 5 गोल्ड मेडल का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया.
  • 1990 में, उन्होंने बीजिंग एशियन ट्रेन प्रतियोगिता में 3 रजत पदक को अपने नाम किया था.
  • इसके अलावा, 1998 में, उन्होंने एशियन ट्रैक फेडरेशन मीट में 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था.

उन्होंने वर्ष 1991 में श्रीनिवासन से शादी की और उनका उज्जवल नाम का एक बेटा है. 1991 से 1997 के बीच उन्होंने किसी भी तरह की प्रतियोगिता नहीं खेली. करीब 7 साल बाद उन्होंने 1998 में वापसी करनेका का फैसला किया और कुछ प्रतियोगिताओं में भाग लेने के बाद आख़िरकार उन्होंने वर्ष 2000 में संन्यास लेने का निर्णय लिया.

पीटी उषा का राजनीति मे प्रवेश (PT Usha’s Entry Into Politics)

भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की भी अध्यक्ष हैं. पीटी उषा एक ऐतिहासिक क्षण की छवि में खड़ी हैं, क्योंकि वे आईओए की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं. और साथ ही वर्तमान में, वह राज्यसभा (PT Usha Rajya Sabha) के सदस्य के रूप में सेवा प्रदान कर रही हैं.

मैं कभी ओलंपियन नहीं बनना चाहती थी. मैं बस यही चाहती थी कि मैं अपना ही रिकॉर्ड तोड़ती रहूं. मैंने कभी किसी को हराने की होड़ नहीं की.
पी. टी. उषा

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सारांश

आज इस लेख में हम एशिया के सबसे तेज़ धावक पीटी उषा के जीवन परिचय (PT Usha biography) के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है.

जिन्होंने भारत को विश्व खेलों में एक अलग स्तर पर पहुंचाया है. हमें उम्मीद है कि आपको ऐसी महान खिलाड़ी पीटी उषा के जीवन के बारे में यह लेख पसंद आया होगा.

यदि आपके पास इस लेख के बारे में कोई अन्य जानकारी है, तो कृपया हमें मेल द्वारा बताएं हम निश्चित रूप से इस जानकारी को सत्यापित करने और इसे अपने लेख में जोड़ने का प्रयास करेंगे.

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FAQ’s

  • पीटी उषा क्यों प्रसिद्ध है?

    पीटी उषा प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने भारतीय खेल क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से नाम किया. उन्हें एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक मिले, जिससे उन्हें “क्वीन ऑफ इंडियन ट्रैक एंड फील्ड” कहा जाता है.

  • पीटी उषा का दूसरा नाम क्या था?

    पीटी उषा का दूसरा नाम “पिलाउल्लाकांडी थेक्केपराम्बिल उषा” है.

  • पीटी उषा कब सेवानिवृत्त हुई?

    पीटी उषा ने 2000 ई. को अपनी खेल से सेवानिवृत्त हो गई थी. इससे पहले, उन्होंने अपने करियर में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की थीं और भारतीय खेल के इतिहास में अपनी पहचान बनाई थी. उन्होंने अपने जीवन में खेल के क्षेत्र में बहुत से सफल वर्ष बिताए, जिसमें उन्होंने अनेक अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते.

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