World Heritage Day In Hindi (विश्व विरासत दिवस, विश्व धरोहर दिवस) : मानव जाति का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे मानव की संरचना और उसकी संस्कृति में परिवर्तन आया। आज से हजारों साल पहले की संस्कृति और मानवी जीवन के बारे में हमें उस समय की ऐतिहासिक वास्तुओं या सांस्कृतिक स्थलों से पता चलता है। आने वाली पीढ़ी को पुरातन संस्कृति के बारे में जानकारी देने के लिए मानव सभ्यता से जुड़े हर एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल का संरक्षण आवश्यक है।
इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, हर साल विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस लेख में हम इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
विश्व धरोहर दिवस । World Heritage Day in Hindi
हर साल विश्व धरोहर दिवस पूरी दुनिया में 18 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य मात्र एक है – नई पीढ़ी को हमारे विश्व में जितने भी ऐतिहासिक धरोहर हैं, उनसे रूबरू करवाना और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी देना। इससे लोग विरासत के रूप में मिले हुए ऐतिहासिक स्थान और उनके पीछे की संस्कृति प्रति आकर्षित हो सकते हैं।
विश्व धरोहर दिवस का इतिहास । History of World Heritage Day
ट्यूनीशिया में साल 1982 में इकोमार्क नामक संस्था द्वारा एक संमेलन आयोजित किया गया था। यह संमेलन 18 अप्रैल को आंतरराष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस के हेतु आयोजित किया गया था। इस संमेलन में विश्व धरोहर दिवस को मनाने की बात चेड़ी गई।
उसके करीब 1 साल बाद, 1983 में यूनेस्को के महासंमेलन में इसके बारे में आधिकारिक घोषणा की गई। कि आने वाले हर साल 18 अप्रैल को यह दिन विश्व धरोहर दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाएगा। इससे पहले, 18 अप्रैल को यह दिन विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस के रूप में मनाया जाता था।
विश्व विरासत दिवस थीम । World Heritage Day Theme 2024 in Hindi
विश्व विरासत दिवस के इस सूनहरे दिन के संयोगवश, ICOMOS (International Council on Monuments and Sites) द्वारा हर साल एक थीम रखी जाती है। यह थीम हर साल बदली जाती है।
2024 के लिए थीम है “Discover and experience diversity” (विविधता की खोज करें और अनुभव करें)।
विश्व विरासत दिवस क्यों मनाते हैं । Why World Heritage Day is Celebrated
18 अप्रैल को पूरे विश्व में यह दिन विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का एक ही मकसद है – लोगों को और आने वाली पीढ़ी को पूरी दुनिया में हमें जितने भी विरासत में मिले हुए ऐतिहासिक स्थल हैं, उन सभी स्थानों के बारे में जानकारी मिले और इस स्थान का संरक्षण करने हेतू यह दिन मनाया जाता हैं।
विश्व विरासत दिवस कैसे मनाये ? । How To Celebrate World Heritage Day
- इस दिन पूरे विश्व में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उनमें मुख्य रूप से संमेलन, विरासत स्थलों पर जाकर वहाँ कार्यक्रम आयोजित करना, रैली, और अन्य कार्यक्रम शामिल होते हैं।
- ऐतिहासिक स्थलों का महत्व जानकर, आप सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस दिन विरासत स्थलों के बारे में लोगों में जागरूकता फैला सकते हैं।
- आप ऐतिहासिक स्थलों के संबंधीत सही जानकारी देने वाली वेबसाइट और YouTube चैनल को बढ़ावा दे सकते हैं।
- स्कूल और कॉलेज में इस दिन विरासत स्थलों के बारे में जानकारी देने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लेकर आने वाली पीढ़ी को इसका महत्व बता सकते हैं।
विश्व धरोहर दिन की सिख । World Heritage Day Lesson
इस पूरी दुनिया में पर्यटन ही एक ऐसा जरिया है जिसके माध्यम से हमारी पुरखों की ऐतिहासिक विरासतों का जतन हो सकता है। इन सारी ऐतिहासिक विरासतों के पीछे बहुत बड़ा इतिहास छिपा हुआ है। हमारे आसपास जितने भी धरोहर हैं, उनका जतन करना हमारा प्रारंभिक कर्तव्य है।
जिससे आने वाली पीढ़ी को यह धरोहर हमारे पुरखों का इतिहास बड़ी शान और गौरव से बता सके।
भारत के विश्व धरोहर स्थल । Latest Unesco Heritage Sites in India
UNESCO द्वारा धरोहर स्थलों को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जैसे कि सांस्कृतिक, प्राकृतिक, और मिश्रित। इस विभाजन का उद्देश्य उन स्थलों का महत्व लोगों तक पहुंचाना, उन्हें धरोहर स्थलों के प्रति जागरूक करना और इन स्थलों को संरक्षित करना है।
भारत में अलग-अलग धरोहर स्थानों को UNESCO द्वारा तीन भागों में विभाजित किया गया है। नीचे हमने भारत के उन स्थलों की सूची दी है।
भारत के सांस्कृतिक धरोहर स्थल । Unesco World Cultural Heritage Site In India
प्रकार | स्थल का नाम | तिथि | स्थान |
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सांस्कृतिक | आगरा किला | 1983 | उत्तर प्रदेश |
सांस्कृतिक | अजंता गुफाएँ | 1983 | महाराष्ट्र |
सांस्कृतिक | नालंदा महाविहार के पुरातात्विक स्थल | 2016 | बिहार |
सांस्कृतिक | सांची में बौद्धिक स्मारक | 1989 | मध्य प्रदेश |
सांस्कृतिक | चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क | 2004 | गुजरात |
सांस्कृतिक | छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) | 2004 | महाराष्ट्र |
सांस्कृतिक | गोवा के चर्च और मठ | 1986 | गोवा |
सांस्कृतिक | ढोलावीरा: एक हड़प्पा नगर | 2021 | गुजरात |
सांस्कृतिक | हाथीघाता गुफाएँ | 1987 | महाराष्ट्र |
सांस्कृतिक | एलोरा गुफाएँ | 1983 | महाराष्ट्र |
सांस्कृतिक | फतेहपुर सिकरी | 1986 | उत्तर प्रदेश |
सांस्कृतिक | महान जीवित चोल देवालयों | 1987 | तमिलनाडु |
सांस्कृतिक | हम्पी में स्मारक समूह | 1986 | कर्नाटक |
सांस्कृतिक | महाबलीपुरम में स्मारक समूह | 1984 | तमिलनाडु |
सांस्कृतिक | पट्टदकल में स्मारक समूह | 1987 | कर्नाटक |
सांस्कृतिक | राजस्थान के पहाड़ी किले | 2013 | राजस्थान |
सांस्कृतिक | अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर | 2017 | गुजरात |
सांस्कृतिक | हुमायूं का मकबरा, दिल्ली | 1993 | दिल्ली |
सांस्कृतिक | जयपुर शहर, राजस्थान | 2019 | राजस्थान |
सांस्कृतिक | काकातिया रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना | 2021 | तेलंगाना |
सांस्कृतिक | खजुराहो स्मारक समूह | 1986 | मध्य प्रदेश |
सांस्कृतिक | महाबोधि मंदिर परिसर बोधगया में | 2002 | बिहार |
सांस्कृतिक | भारतीय पर्वतीय रेलवे | 1999 | विभिन्न राज्य |
सांस्कृतिक | कुतुब मीनार और इसके पुरातात्विक स्थल, दिल्ली | 1993 | दिल्ली |
सांस्कृतिक | रानी की वाव (रानी की स्टेपवेल) | 2014 | गुजरात |
सांस्कृतिक | लाल किला | 2007 | दिल्ली |
सांस्कृतिक | भीमबेटका के शिलाश्मशान | 2003 | मध्य प्रदेश |
सांस्कृतिक | होयसलों के पवित्र समूह | 2023 | कर्नाटक |
सांस्कृतिक | संतिनिकेतन | 2023 | पश्चिम बंगाल |
सांस्कृतिक | सूर्य मंदिर, कोनारक | 1984 | उड़ीसा |
सांस्कृतिक | ताज महल | 1983 | उत्तर प्रदेश |
सांस्कृतिक | ले कॉर्बुसियर का वास्तुकला कार्य, आधुनिक आंदोलन में | 2016 | चंडीगढ़ |
सांस्कृतिक | जंतर मंदिर, जयपुर | 2010 | राजस्थान |
सांस्कृतिक | मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इनसेम्बलेस | 2018 | महाराष्ट्र |
भारत के प्राकृतिक धरोहर स्थल । Natural World Heritage Sites In India
प्रकार | स्थल का नाम | तिथि | स्थान |
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प्राकृतिक | महान हिमालयी राष्ट्रीय पार्क संरक्षण क्षेत्र | 2014 | हिमाचल प्रदेश |
प्राकृतिक | काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान | 1985 | असम |
प्राकृतिक | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | 1985 | राजस्थान |
प्राकृतिक | मानस वन्यजीव अभयारण्य | 1985 | असम |
प्राकृतिक | नंदा देवी और फ्लावर्स नेशनल पार्क | 1988, 2005 | उत्तराखंड |
प्राकृतिक | सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान | 1987 | पश्चिम बंगाल |
प्राकृतिक | पश्चिमी घाटे | 2012 | विभिन्न राज्य |
भारत के मिश्रित धरोहर स्थल । Mixed World Heritage Sites In India
प्रकार | स्थल का नाम | तिथि | स्थान |
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मिश्रित | खंगचेंडजोंगा राष्ट्रीय उद्यान | 2016 | सिक्किम |
भारत के साथ ही दुनियाभर के विभिन्न स्थानों को UNESCO प्रमाणित करता है, और प्रत्येक वर्ष नए उत्सवों का आयोजन करके इसके महत्व को और भी बढ़ाता है। यह संरक्षण और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को जागरूक करता है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण है।
सारांश
आज, इस लेख में हमने विश्व धरोहर दिवस कब होता है, उसके पीछे का इतिहास, इस दिन को मनाने का उद्देश्य, और इसका महत्व के बारे में जानकारी दी है। यह लेख आपको कैसा लगा, यह हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। और इस लेख के बारे में आपका कोई भी सुझाव हो, तो आप हमें मेल करके बता सकते हैं। हम आपके द्वारा दी गई जानकारी को हमारे लेख में जोड़ने का प्रयास करेंगे। धन्यवाद।