Mithun sankranti 2024 : जानिए मिथुन संक्रांति की तारीख, शुभ मुहूर्त, कथा और अद्भुत महत्व!

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Mithun sankranti 2024 : जानिए मिथुन संक्रांति की तारीख, शुभ मुहूर्त, कथा और अद्भुत महत्व! हिंदू संस्कृति में संक्रांति तिथि का महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जब सूर्यदेव वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तब संक्रांति तिथि आती है। मिथुन राशि में प्रवेश होने के कारण इसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है।

यह दिन गंगा स्नान, दान धर्म, जप-तप और सूर्यदेव के पूजन के लिए शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन अच्छे कर्म के साथ सूर्यदेव का पूजन करता है, उसे निश्चित फल प्राप्त होता है।

इस लेख में हमने मिथुन संक्रांति कब है, उसका इतिहास और महत्व के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है। तो इस लेख को आप पूरा जरूर पढ़ें।

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मिथुन संक्रांति 2024 तिथि । Mithun Sankranti 2024 Date And Time

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मिथुन संक्रांति 2024 में 15 जून को मनाई जाएगी। इस वर्ष, सूर्य 15 जून को रात 12:37 बजे वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन मिथुन संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।

यहां एक सारणी दी गई है जो इस वर्ष मिथुन संक्रांति के समय और तिथि को स्पष्ट रूप से दर्शाती है,इस सारणी के माध्यम से आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि इस वर्ष मिथुन संक्रांति कब और किस समय मनाई जाएगी।

वर्षतिथिसमयघटना
202415 जून12:37 AM (रात)सूर्य का वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश
202415 जूनमिथुन संक्रांति मनाई जाएगी

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मिथुन संक्रांति कथा । Mithun Sankranti Katha

आपको पता है कि महिलाओं को मासिक धर्म आता है। महीने में 2-3 दिन यह मासिक पाली का दौर चलता रहता है। लेकिन इस मासिक धर्म की वजह से उन्हें माँ बनने का सुख प्राप्त होता है। यह प्रकृति का एक अनोखा वरदान है।

पौराणिक कथा के अनुसार, भूमाता को भी मासिक धर्म हुआ था। और इन 3-4 दिनों के मासिक धर्म के कारण धरती का विकास होता है। इसीलिए मिथुन संक्रांति मनाई जाती है।

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मिथुन संक्राती महत्व । Mithun Sankranti Significance

देश में मिथुन संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। खासकर उड़ीसा में लोग यह पर्व अधिक मनाते हैं। इस संक्रांति के बाद वर्षा ऋतु का प्रारंभ होता है। ऐसा कहा जाता है कि मिथुन संक्रांति के दौरान पूर्वजों की भी पूजा की जाती है।

इस पर्व में भगवान सूर्यदेव के साथ-साथ सिलबट्टे की पूजा की जाती है, क्योंकि सिलबट्टे को भूदेवी के रूप में माना जाता है। महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशी प्राप्त करने हेतु इस दिन पूजा करती हैं। वे सोलह श्रृंगार करके सज-धज कर तैयार होती हैं। यह पर्व काफी आनंद से मनाया जाता है।

सारांश 

इस लेख में हमने Mithun sankranti 2024 के पर्व के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है। यह लेख हमने पौराणिक कथा के अनुसार लिखा है। इसके बारे में यदि आपके कोई सवाल हों, तो आप हमें मेल कर सकते हैं। यदि लेख अच्छा लगे, तो कृपया टिप्पणी करें और इसे शेयर करना न भूलें। यदि आप इस तरह के अन्य लेख देखना चाहते हों, तो आप हमसे व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

FAQ’s

मिथुन संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

मिथुन संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो मुख्य रूप से सूर्य के वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाया जाता है। इस पर्व को विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से भी मनाया जाता है।

जून में संक्रांति कब की है?

जून में संक्रांति 15 जून 2024 को है। इस दिन सूर्यदेव रात 12:37 बजे वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे मिथुन संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा।

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